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सोमवार, 5 अगस्त 2013

बाल मजदूरी


                                                        बाल मजदूरी
                                                                     मरे देश में बाल मजदूरी आम बात है । देश में करोडो बच्चे पढने की उम्र में बोझा ढोते हैं । कारखाना, फैक्ट्री, में खतरनाक काम करते हैं । जबकि बाल मजदूरी को बालक श्रम प्रतिषेध और विनियमन अधिनियम 1986 की धारा-14 में अपराध घोषित कर उसे दण्डित किया गया है ।
                                                                    इस अधिनियम के अंतर्गत बच्चो को 15वां साल लगने से पहले किसी भी फेक्ट्री में काम पर नहीं रखा जा सकता । उनसे रेलवे स्टेशन, बंदरगाह, कारखाने, उद्योग धंधे जहां पर खतरनाक रसायन और कीटनाशक निकलते हैं । वहा पर उन्हें काम पर नहीं लगाया जा सकता है ैकेवल 14 से 18 साल की उम्र के बच्चे को ही फैक्ट्रियो मंे 6 घंटे काम पर लगाया जा सकता है ।

                                                              जिसमें उनसे एक बार में चार घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता है । रात के 10 बजे से लेकर सुबह 8 बजे के बीच में उनसे कोई भी काम नहीं करवाया जायेगा । उन्हें सप्ताह में एक दिन छुटटी अवश्य दी जायेगी । उनकी सुरक्षा के विशेष इंतजाम कारखाना अधिनियम 1948 के अनुसार किये जाएगें ।जब से बच्चो को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है तब से 18 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे को काम करने की इजाजत नही ंदी जानी चाहिए

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