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बुधवार, 7 अगस्त 2013

ए.आई.आर. 2003 सुप्रीम कोर्ट 189

                        ए.आई.आर. 2003 सुप्रीम कोर्ट 189

        ए.आई.आर. 2003 सुप्रीम कोर्ट 189 में 3 जजों की खण्डपीठ में सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा-27, 89, 100ए आदेष 7 नियम 11, आदेष 18 नियम 4, आदेष 41 नियम 9, संषोधित प्रावधानों की व्याख्या की है ।

 इसके अनुसार धारा-27 में 30 दिन का जो समय दिया गया है

 उसके अतिरिक्त संमंस तामीली के 30 दिन के अंदर वादोत्तर की तैयारी करने की नहीं बल्कि वाद प्रस्तुति की दिनांक से 30 दिन के अंदर जितने कदम उठाये जा सकते है

 उतने प्रतिरक्ष के संबंध में प्रतिवादी को उठाये जाने चाहिए इस बात की व्याख्या की है ।

 धारा-89 के अंतर्गत न्यायालय के द्वारा कमेटी अथवा संस्था को सलाह हेतु मामला भेजा जा सकता है ।

        धारा‘100ए के सवेधानिक  माना है ।

 आदेष 7 नियम 11 के अंतर्गत द्वितीय प्रतिलिपि प्रस्तुत किये जाने पर न मंजूरी का प्रावधान अप्रचलनषील हो जाता है। 

आदेष 18 नियम 4-1 के प्रावधान संमंस पर बुलाये गये गवाहों पर लागू नहीं होता है । 

न्यायालय द्वरा आधी साक्ष्य खुद और आधी साक्ष्य कमिषनर से अभिलिखित नहीं कराया जा सकता है ।

 न्यायालय को ख् द निर्धारित करना पडेगा कि गवाह उसको खुद लाना है अथवा कमिषनर से लाना है ।

 आदेष 18 नियम 17 के अंतर्गत अतिरिक्त गवाहों की अनुमति नहीं दी गई है । यह प्रावधान विलोपित कर दिया गया है। 

आदेष 41 नियम 9 के अंतर्गत मेमो फाइलिंग----