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सोमवार, 5 अगस्त 2013

भारतीय संबिधान में स्त्रियों से संबंधित विशेष प्रावधान


     भारतीय संबिधान में स्त्रियों से संबंधित विशेष प्रावधान 

 
                               भारतीय संबिधान के अनुच्छेद 15-3 में राज्य स्त्रियों ओर बालकों के लिये विशेष प्रावधान कर सकता है ।

                     अर्थात अनुच्छेद-15 के अपवाद स्वरूप लिंग के आधार पर विशेष उपबंध बनाकर विभेद कर सकता है ।
                                       संबिधान के अनुच्छेद-16 के अनुसार केवल लिंग के आधार पर नियोजन में भेद भाव नहीं किया जायेगा अर्थात अनुच्छेद-16 के अनुसार महिलाओं को पुरूषों के बराबर अधिकार दिये गये हैं ।

                           महिलाओं के शोषण के विरूद्व अधिकार दिया गया है अनुच्छेद 23 मानव का व्यापार, बेगार ओर बलात्श्रम को दंडनीय अपराध बनाया गया है ।

                                   इसी प्रकार अनुच्छेद 23-2 के अंतर्गत सार्वजनिक प्रयोजनो के लिये अनिवार्य सेवा के लिये राज्य महिलाओं को बाध्य नहीं कर सकता ।
                                       संबिधान के अनुच्छेद 29-2 के अनुसार राज्य द्वारा पोषित या राज्य निधि से संचालित शिक्षा संस्थाओं में लिंग के आधार पर भेद भाव करते हुये महिलाओं के लिये अलग से स्कूल कालेज खोले जा सकते हैं । 
 
                                           मूल अधिकारों के अलाबा महिलाओं ,समाजिक,आर्थिक और राजनेतिक न्याय प्रदान करने ,उनसे विचार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जमाने प्रतिष्ठा ओर अवसर की समता प्राप्त करने उनकी गरिमा को बढ़ाने नीति निर्देशक तत्वों में राज्य को निर्देशित किया गया है ।
                                        अनुच्छेद-39-ए में कहा गया है कि राज्य अपनी नीति इस प्रकार संचालित करेगा कि पुरूष और स्त्री सभी नागरिको को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार है । 
 
                                                अनुच्छेद 39-डी के अनुसार पुरूष और स्त्रियों को समान कार्य के लिये समान वेतन दिया जायेगा । 
 
                                                अनुच्छेद 39-ई के अनुसार पुरूष और स्त्री कर्मकारों के स्वास्थय और शक्ति का तथा बालकों की सुकुमार अवस्था का दुरूपयोग न हो और आर्थिक आवश्यक्ता से विवश होकर नागरिको को ऐसे रोजगारों में न जाना पड़े जो उनकी आयु या शकित के अनुकूल न हो ।

                                  अनुच्छेद-42 में प्रसूति सहायता के लिये उपबंध दिया गया है । जिसके अनुसार राज्य काम की न्यायसंगत ओर मनवोचित दशाओं को सुनिश्चित कियागया हे । 

 
                                           भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह अनुच्छेद 51--इ के अनुसार ऐसी प्रथाओं का त्याग करे ,जो स्त्रियों के सम्मान के विरूद्व है । भारत के प्रत्येक नागरिक जिसमें स्त्रियाॅ शामिल है उन्हें राष्टृपति,उपराष्टृपति,राज्यपाल,सांसद,विधायक,न्यायमूर्ति,न्यायधीश,आदि महत्वपूर्ण पदो पर नियुक्ति में कोई रोकटोक नहीं है । अनुच्छेद-325 में निर्वाचक नामावली में लिंग के आधार पर भेद भाव न करते हुये प्रत्येक चुनाव में वोट देने योग्य माना गया है इसी प्रकार पंचायत,नगर पालिका में जन भागीदारी में उनके 1/3 पद आरक्षित किये गये हें । इसी प्रकार सबिधान में स्त्रयों संबंधित विशेष प्रावधान हे ।




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