माननीय
उच्चतम न्यायालय द्वारा लापता
बच्चों के सभी मामलों में
एफ.आई.आर.
के
अनिवार्य पंजीकरण के आदेश
याचिका कर्ता बचपन बचाओं
आंदोलन
विरूद्ध भारत संघ और ओ.आर.एस.
संघ
रिट याचिका सिविल नम्बर-75
वर्ष
2012 में
पारित किये गये हैं जो निम्नलिखित
हैंः-
1. इन
सभी मामलों के संबंध में
एफ.आई.आर.
अनिवार्य
रूप से रिकार्ड
की जाये।
2. राज्यों
में विशेष किशोर पुलिस इकाई
लापता बच्चों के संबंध में
बनाई
जाये।
3. ऐसे
मामलों में एफ.आई.आर.
दर्ज
होते ही उचित कदम तुरंत उठाना
चाहिए।
4. ऐसे
लापता बच्चों का एक डाटाबेट
तैयार किया जावे।
5ण् ूूूण्
जतंबा जीमउमेेपदह बीपसकण्हवअण्पद
ूूूण्
बीपसकसपदमपदकपंण्वतहण्पद
ूूूण्ेजवच
तंपिबापदहण्पद बच्चों से
संबंधित इन तीनों वेबसाइट
में जानकारी
अपलोड की जाये।
6.
प्रत्येक
की
फाइल व डाटा कम्प्यूटर में
अपलोड किया
जाना चाहिए ताकि इनके ट्रेंसिंग
के प्रयास का उपयोग किया
जाना चाहिए।
7. सी.सी.टी.एन.एस.
के
माध्यम से खोया बचपन बेव साइट
पर इसे शामिल
करना चाहिए।
8. डी0आई0जी0
रेंक
के नीचे के अधिकारी को नोडल
अधिकारी घोषित
किया जाये।
9. वरिष्ठ
पुलिस अधिकारी मामले की जाॅच
कर पर्यवेक्षण करेगी।
10. लापता
बच्चों की मासिक रिपोर्ट भेजी
जानी चाहिये,
ताकि
उनका मिलान
हो सके।
11. बच्चों
का आयोग भीख मांगने,
ऊॅट
जाकिंग,
वैश्यावृत्ति
प्रीडियोंफिलिप
मेट जाॅच की जानी चाहिये।
12. इसके
लिये सी0आई0डी0
ग्राम
पंचायत की सहायता ली जा सकती
है।
13. सीमावर्ती
स्थानों की चैकसी,
रेल्वे
स्टेशन,
बस
स्टेण्ड,
सड़क
मार्ग
की नियमित चैंकिग की जा सकती
है।
14. 1099
टोल
फ्री नम्बर की सहायता ली जा
सकती है। निगरानी समिति
हेल्पलाइन बनाई जा सकती।
अधिनियम
के उपबंधों में से किसी के
अधीन उसके समक्ष लाया गया एक
व्यक्ति एक किशोर या बालक है
लापता बच्चों के संबंध में
मान्नीय उच्चतम न्यायालय के
दिशा निर्देश’-
माननीय
उच्चतम न्यायालय द्वारा लापता
बच्चों के सभी मामलों में
एफ.आई.आर.
के
अनिवार्य पंजीकरण के आदेश
या।ि।।चका कर्ता बचपन बचाओं
आंदोलन विरूद्ध भारत संघ और
ओ.आर.एस.
संघ
रिट याचिका सिविल नम्बर-75
वर्ष
2012 में
पारित किये गये हैं जो निम्नलिखित
हैंः-
1. इन
सभी मामलों के संबंध में एवहां
सक्षम प्राधिकारी उस व्यक्ति
की आयु के बारे में सम्यक जांच
ेलापता बच्चों के संबंध में
मान्नीय उच्चतम न्यायालय के
दिशा निर्देश’-
माननीय
उच्चतम न्यायालय द्वारा लापता
बच्चों के सभी मामलों में
एफ.आई.आर.
के
अनिवार्य पंजीकरण के आदेश
या।ि।।चका कर्ता बचपन बचाओं
आंदोलन विरूद्ध भारत संघ और
ओ.आर.एस.
संघ
रिट याचिका सिविल नम्बर-75
वर्ष
2012 में
पारित किये गये हैं जो निम्नलिखित
हैंः-
1. इन
सभी मामलों के संबंध में
एफ.आई.आर.
अनिवार्य
रूप से रिकार्ड
की जाये।
2. राज्यों
में विशेष किशोर पुलिस इकाई
लापता बच्चों के संबंध में
बनाई
जाये।
3. ऐसे
मामलों में एफ.आई.आर.
दर्ज
होते ही उचित कदम तुरंत उठाना
चाहिए।
4. ऐसे
लापता बच्चों का एक डाटाबेट
तैयार किया जावे।
5ण् ूूूण्
जतंबा जीमउमेेपदह बीपसकण्हवअण्पद
ूूूण्
बीपसकसपदमपदकपंण्वतहण्पद
ूूूण्ेजवच
तंपिबापदहण्पद बच्चों से
संबंधित इन तीनों वेबसाइट
में जानकारी
अपलोड की जाये।
6.
प्रत्येक
लापता बच्चों की फाइल व डाटा
कम्प्यूटर में अपलोड किया
जाना चाहिए ताकि इनके ट्रेंसिंग
के प्रयास का उपयोग किया
जाना चाहिए।
7. सी.सी.टी.एन.एस.
के
माध्यम से खोया बचपन बेव साइट
पर इसे शामिल
करना चाहिए।
8. डी0आई0जी0
रेंक
के नीचे के अधिकारी को नोडल
अधिकारी घोषित
किया जाये।
9. वरिष्ठ
पुलिस अधिकारी मामले की जाॅच
कर पर्यवेक्षण करेगी।
10. लापता
बच्चों की मासिक रिपोर्ट भेजी
जानी चाहिये,
ताकि
उनका मिलान
हो सके।
11. बच्चों
का आयोग भीख मांगने,
ऊॅट
जाकिंग,
वैश्यावृत्ति
प्रीडियोंफिलिप
मेट जाॅच की जानी चाहिये।
12. इसके
लिये सी0आई0डी0
ग्राम
पंचायत की सहायता ली जा सकती
है।
13. सीमावर्ती
स्थानों की चैकसी,
रेल्वे
स्टेशन,
बस
स्टेण्ड,
सड़क
मार्ग
की नियमित चैंकिग की जा सकती
है।
14. 1099
टोल
फ्री नम्बर की सहायता ली जा
सकती है। निगरानी समिति
हेल्पलाइन बनाई जा सकती।
माननीय
उच्चतम न्यायालय द्वारा लापता
बच्चों के संबंध में एफ0आई0आर0
पंजीकरण
के साथ ही साथ प्रत्येक राज्य
में विशेष किशोर पुलिस इकाई
हर राज्य में विशेष रूप से
स्थापित की जाने पर जोर दिया
है। न्यायालय के निर्देशानुसार
कम से कम पुलिस स्टेशन मंे
तैनात एक अधिकारी को यह शक्ति
दी जानी चाहिए कि वह विशेष
किशोर पुसिल इकाई के रूप में
कार्य करे। इस संबंध में
राष्ट्र्ीय मानव अधिकार आयोग
को सचेत किया गया है कि वह देखे
कि इस संबंध में क्या कार्यवाही
हो रही है। इससे राज्य में
बच्चों के लापता या बच्चों
की तस्करी कम होगी।
प्रत्येक
राज्य में किशोर न्यायालय
अधिनियम-2000
की
धारा-63
में
किशोर न्याय नियम 2007
के
अनुसार प्रत्येक राज्य में
विशेष किशोर पुलिस इकाई की
स्थापना नहीं की गयी जबकि सभी
जिलों और सभी पुलिस थानों में
पुलिस इकाईयों और किशोर बाल
कल्याण अधिकारी की नियुक्ति
अनिवार्य है और उन्हें राज्य
विधिक सेवा प्राधिकरण के
द्वारा प्रशिक्षण दिया जाना
चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें