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मंगलवार, 13 अगस्त 2013

लापता बच्चों के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देश

          लापता बच्चों के संबंध में माननीय           उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देश

   
                                                      माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा लापता बच्चों के संबंध में एफ0आई0आर0 पंजीकरण के साथ ही साथ प्रत्येक राज्य में विशेष किशोर पुलिस इकाई हर राज्य में विशेष रूप से स्थापित की जाने पर जोर दिया है। न्यायालय के निर्देशानुसार  कम से कम पुलिस स्टेशन मं तैनात एक अधिकारी को यह शक्ति दी जानी चाहिए कि वह विशेष किशोर पुसिल इकाई के रूप में कार्य करे। इस संबंध में राष्ट्र्य मानव अधिकार आयोग को सचेत किया गया है कि वह देखे कि इस संबंध में क्या कार्यवाही हो रही है। इससे राज्य में बच्चों के लापता या बच्चों की तस्करी कम होगी।


                                                   प्रत्येक राज्य में किशोर न्यायालय अधिनियम-2000 की धारा-63 में किशोर न्याय नियम 2007 के अनुसार प्रत्येक राज्य में विशेष किशोर पुलिस इकाई की स्थापना नहीं की गयी जबकि सभी जिलों और सभी पुलिस थानों में पुलिस इकाईयों और किशोर बाल कल्याण अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य है और उन्हें राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।   लापता बच्चों के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय बच्चों के शोषण से निपटने के लिए एक दीर्घकालिक और व्यवस्थित योजना बनाये जाने हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये।


       

     
    माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा लापता बच्चों के सभी मामलों में एफ.आई.आर. के अनिवार्य पंजीकरण के आदेश याचिका कर्ता बचपन बचाओं आंदोलन विरूद्ध भारत संघ और ओ.आर.एस. संघ रिट याचिका सिविल नम्बर-75 वर्ष 2012 में पारित किये गये हैं जो निम्नलिखित हैंः-



    1.    इन सभी मामलों के संबंध में एफ.आई.आर. अनिवार्य रूप से  रिकार्ड की जाये।

    2.    राज्यों में विशेष किशोर पुलिस इकाई लापता बच्चों के संबंध में बनाई जाये।

    3.    ऐसे मामलों में एफ.आई.आर. दर्ज होते ही उचित कदम तुरंत   उठाना चाहिए।

    4.    ऐसे लापता बच्चों का एक डाटाबेट तैयार किया जावे।

    5ण्    ूूूण् जतंबा जीमउमेेपदह बीपसकण्हवअण्पद
        ूूूण् बीपसकसपदमपदकपंण्वतहण्पद
        ूूूण्ेजवच तंपिबापदहण्पद  बच्चों से संबंधित इन तीनों वेबसाइट में             जानकारी अपलोड की जाये। 

    6.     प्रत्येक की फाइल व डाटा कम्प्यूटर में अपलोड किया जाना चाहिए ताकि इनके ट्रेंसिंग के प्रयास का उपयोग   किया जाना चाहिए।

    7.    सी.सी.टी.एन.एस. के माध्यम से खोया बचपन बेव साइट पर इसे  शामिल करना चाहिए।

    8.    डी0आई0जी0 रेंक के नीचे के अधिकारी को नोडल अधिकारी             घोषित किया जाये।

    9.    वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मामले की जाॅच कर पर्यवेक्षण करेगी।
    10.    लापता बच्चों की मासिक रिपोर्ट भेजी जानी चाहिये, ताकि उनका         मिलान हो सके।

    11.    बच्चों का आयोग भीख मांगने, ऊट जाकिंग, वैश्यावृत्ति                 प्रीडियोंफिलिप मेट जाच की जानी चाहिये। 

    12.    इसके लिये सी0आई0डी0 ग्राम पंचायत की सहायता ली जा             सकती है।

    13.    सीमावर्ती स्थानों की चैकसी, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड, सड़क   मार्ग की नियमित चैंकिग की जा सकती है।

    14.    1099 टोल फ्री नम्बर की सहायता ली जा सकती है। निगरानी  समिति हेल्पलाइन बनाई जा सकती।

       
     


  

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