भारत
सरकार की मनरेगा योजना
यह
योजना अनुसूचित जात,अनुसूचित
जनजाति और बरीबीरेखा
से नीचे की भूमिहीन आबादी जो
पहले अमीर भूस्वामियो के खेतोमें
बंधुआ मजदूर के रूप में काम
करती थी,मनरेगा
की योजनाओं के कारण भू-स्वामियोके
चंगुल सेमुकत हो चुकी हैं ।
मनरेगा
योजना देश के 625
जिलों
में लागू हैं । ग्रमीण विकास
मंत्रालय के तहत मनरेगा पिछले
दशक में भारत सरकार की बहुत
ही क्रातिकारी योजनाओं में
से एक है । यह भारत के ग्रामीण
परिवारों की 25
फीसदी
आबादी को रोजगार उपलव्ध कराता
है ।
इस
योजनाके अंतर्गत लोगों को
अधिक मजदूरी मिले और गरिमा
तथा आत्म सम्मान के साथ जीने
लगे । उनकी जीवन शेली मेंसुधर
हुआ वे अच्छा स्वास्थ ,अच्छे
कपड़े और बहतर हुये ,अहार
व्यवहारकाआनंद
उठाने लगे ।
अपने
कानूनी ढांचे औरअधिकार आधारित
दृष्टिकोण के साथमनरेगा
का उद्वेश्य प्रत्येक परिवार
को एक वित्त वर्ष में 100
दिनो
की मजदूरी की गारंटी वाला
रोजगार उपलव्ध कराने के जरिये
उनकी अजीविका बढ़ाना है । इन
ग्रामीण परिवारों के व्यस्क
सदस्य स्वैच्छिक गैर प्रशिक्षित
हाथ का कार्य करते हैं ।
मनरेगा
के तहत ग्रामीण परिवारों को
अनुमानित 128
लाख
करोड रूपये सीधे मजदूरी भुगतान
के रूप में दिये जा चुके हैं
और वर्ष2008
के
हर साल करीब पांच करोड परिवारो
को रोजगार उपलव्ध कराया जा
रहा है ।
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